रविवार, 15 मार्च 2015

मरे हुए लोगो की आत्मा

  •                    मरे हुए लोगो की आत्मा
वो मेरे पड़ोस में ही रहती हैं। नाम हैं रीतु। 14 जनवरी को उसकी शादी की तैयारियां चल रही थी। और 7 जनवरी को दोपहर के करीबन दो बजे मेने अपने घर उनके घर के अंदर से जोर जोर से रोने और चीखने की आवाज सुनाई दी। बाकि पड़ोसियों की तरह में भी जल्दी से उनके घर की तरफ भागा। जा के देखा उसकी माँ और बुआओं ने रोना मचा रखा था। मेने पूछा क्या बात हो गई। तो कहा वो हमारी रीतू छत से गिर गई हैं। मेने कहा उसे जल्दी हॉस्पिटल ले के चलो। तो उन लोगो ने कहा उसकी कोई जरुरत नही हैं यहाँ मसला कुछ और हैं। मुझे समझ नही आया। तो मेने उसकी बुआ से पूछा। वो मुझे अंदर ले गई जहाँ रितु थी। में उसे देखता रह गया था ये देख के की गिरने की वजह से जो चोट उसे लगी उसका उस पे कोई असर न हो के वो काबू में नही आ रही थी और उसकी आवाज बहुत भारी भारी और बाल चारो तरफ बिखरे हुए। कभी गर्दन को इधर पटक रही हैं कभी उधर। चार लोगो ने उसे पकड़ा हुआ और वो चारो के ठीक से काबू में नही आ रही। मुझे देखते ही समझ आ गया था की ये ऊपर की हवा यानी भुत का चक्कर हैं। तभी उसकी बुआ ने बताया की इसमें सुमन आ गई हैं। मेने पूछा वो राकेश की बीवी सुमन जिसने आत्महत्या थी।  बोले हाँ। 
" तो अब क्या करना।"   
 बोले "पड़ोस के गॉव से पंडित दीनदयाल को बुलाना पड़ेगा।"
में उसे जनता था की वो इस तरह के इलाज बिना किसी पैसे के करता हैं और जब किसी को जरुरत होती हैं वो आ जाता हैं। हम दो लोग उसे ले के आये। पंडित जी ने  सामग्री लगा के पूजा पाठ चालू किया और उस से पूछा "कौन हैं तू। "
वो चिल्लाई  "मै सुमन हूँ । "
" तो इसमें क्या करने आई हैं। "
"इसे  साथ ले जाने। "
"ये तेरे साथ नही जाएगी , अब इसका पीछा छोड़। "
"में तो इसे पहले ही ले जाती वो तो इसकी दादी ने सत्यानाश कर दिया। "

अब मुझे कुछ समझ आया की कुछ दिन पहले ये ही रीतु जो छत से कूदी हैं वो पहले भी अपनी जान देने की कोशिश कर चुकी थी। लेकिन बच गई थी और मामूली चोटे आई थी। जब होश में आने पे उस से पूछा तो बताया की मुझे तो पता नही की मेने क्या किया। 
फिर जब डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया की वो बिलकुल ठीक हैं उसे कोई मानसिक या किसी तरह की बीमारी नही हैं सभी टेस्ट हो चुके हैं। 

मेरे से सब देखा नही जा रहा था। थोड़ी घबराहट की वजह से मै बहार आ गया। 
इस से पहले मुझे ये भुत-प्रेत की बात बकवास लगती थी। लेकिन अब में सोच रहा था की इसकी दादी ने आ के इसको बचा लिया और उसे तो दुनिया छोड़े कोई सात साल से जयादा हो गया। तो क्या वो अभी भी इस दुनिया में ही हैं। और वो तो अपनी पूरी उम्र गुजार के गई हैं।  उसका क्रिया क्रम भी पुरे विधि -विधान से करवाया था। 
तो क्या जो लोग जा चुके हैं वो अभी भी इसी दुनिया में रहते या घूमते हैं। 
पता नही क्या रहस्य हैं इन मरे हुए लोगो की आत्माओ का ????  

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