- मरे हुए लोगो की आत्मा
" तो अब क्या करना।"
बोले "पड़ोस के गॉव से पंडित दीनदयाल को बुलाना पड़ेगा।"
में उसे जनता था की वो इस तरह के इलाज बिना किसी पैसे के करता हैं और जब किसी को जरुरत होती हैं वो आ जाता हैं। हम दो लोग उसे ले के आये। पंडित जी ने सामग्री लगा के पूजा पाठ चालू किया और उस से पूछा "कौन हैं तू। "
वो चिल्लाई "मै सुमन हूँ । "
" तो इसमें क्या करने आई हैं। "
"इसे साथ ले जाने। "
"ये तेरे साथ नही जाएगी , अब इसका पीछा छोड़। "
"में तो इसे पहले ही ले जाती वो तो इसकी दादी ने सत्यानाश कर दिया। "
अब मुझे कुछ समझ आया की कुछ दिन पहले ये ही रीतु जो छत से कूदी हैं वो पहले भी अपनी जान देने की कोशिश कर चुकी थी। लेकिन बच गई थी और मामूली चोटे आई थी। जब होश में आने पे उस से पूछा तो बताया की मुझे तो पता नही की मेने क्या किया।
फिर जब डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया की वो बिलकुल ठीक हैं उसे कोई मानसिक या किसी तरह की बीमारी नही हैं सभी टेस्ट हो चुके हैं।
मेरे से सब देखा नही जा रहा था। थोड़ी घबराहट की वजह से मै बहार आ गया।
इस से पहले मुझे ये भुत-प्रेत की बात बकवास लगती थी। लेकिन अब में सोच रहा था की इसकी दादी ने आ के इसको बचा लिया और उसे तो दुनिया छोड़े कोई सात साल से जयादा हो गया। तो क्या वो अभी भी इस दुनिया में ही हैं। और वो तो अपनी पूरी उम्र गुजार के गई हैं। उसका क्रिया क्रम भी पुरे विधि -विधान से करवाया था।
तो क्या जो लोग जा चुके हैं वो अभी भी इसी दुनिया में रहते या घूमते हैं।
पता नही क्या रहस्य हैं इन मरे हुए लोगो की आत्माओ का ????
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